जीवन की मिठास
जिस प्रकार मीठे हलवे की कटोरी में काजू, बादाम, सूजी सब तो दिखाई देते हैं, पर जिस चीज से इसमें मिठास है, वह शक्कर नजर नहीं आती है। ठीक उसी प्रकार जीवन में कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो रोजाना दिखाई तो नही देते, पर उनके प्रेम और अपनेपन की मिठास हमारे जीवन को हमेशा आनंदित करती रहती है।
केवल सांत्वना नहीं, मदद भी करें
अक्लमंदी व समझदारी का सामंजस्य
मनोवैज्ञानिक कहते हैं पुरुष अक्लमंद होता है, स्त्री समझदार होती है। अक्ल में जब अनुभव जुड़ता है तब समझ पैदा होती है। देह के भीतर देह को रखकर जीवन देने के स्त्री के अनुभव के सामने दुनिया के सारे अनुभव फीके हैं। पुरुष के पास यह अनुभव नहीं है। मातृत्व का यही अनुभव स्त्री को समझदार बनाता है। अक्लमंदी व समझदारी के सामंजस्य पर ही परिवार की नींव रखी होती है।
खुशी आस पास है
हम जब सुबह उठते हैं तो हमारे पास दो विकल्प होते हैं, या तो खुश रहे या दुखी। अगर दुखी होने का कोई कारण नहीं है तो खुश रहिए। छोटे छोटे पलों में, छोटी छोटी बातों में खुशी ढूँढिए, आस पास ही होती है मिल जाएगी।
पलों को अपना बना लें
पलों को छीन कर जीने का आनन्द पल भर का ही होता है । जिन पलों को आप बेहद पसंद करते हैं उन्हें चुनकर वक़्त दिजीये, परखिए और अपना बना के रखिये ताकि वो खूबसूरत पल आप हमेशा के लिये कभी भी किसी भी वक़्त जी सकें।
हताशा उड़नछू
अगर हताशा हावी हो रही हो तो अपनी मनपसंद चीज के बारे में सोचें, हताशा का हौव्वा आपको आपकी मनपसंद चीज के मुकाबले छोटा लगने लगेगा। गहरी सांस लें और छोड़े। कुछ देर यह प्रक्रिया करें, और घर आकर किसी अपने को गले लगाएं। आपको सूकून मिलेगा और आप एक नई उर्जा से भर उठेंगे।
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