कल्पना कामयाबी की

अंग्रेजी में एक कहावत है "Fake it, till you make it", अगर लक्ष्य बना लिया जाए, उसकी सकारात्मक तस्वीरें भी मन की आंखों में बसा ली जाए तो रास्ते खुद ब खुद दिखाई देने लगते हैं। यह कोई जादू नहीं है विशुद्ध मनोविज्ञान हैं।

अल्बर्ट आइंस्टाइन ने कहा है कल्पना ही सब कुछ है। भविष्य में जो शानदार घटने वाला है यह उसकी एक झलक है। अध्ययनों ने साबित किया है कि जहां तक तस्वीरों की शक्ल में घटनाओं को देखने की बात है, तो दिमाग के लिए कल्पना और हकीकत की तस्वीरों में कोई अंतर नहीं होता । यानी अगर अपनी सफलता, लक्ष्य हासिल करने को लेकर गहराई से सोचते हुए, रंगीन, एकदम सामने दिख रहे जैसे दृश्य को देखें, उसे मन ही मन बार-बार दोहराए, उसमें हासिल किए जा रहे लक्ष्य के लिए लगातार प्रयास करें, तो कल्पना में तय किये समय के भीतर ही यह तस्वीर साकार रूप ले सकती है। बहुत सारे लोगों ने यह किया है, और इसलिए कोई भी कर सकता है।

मैने भी अपने एक दोस्त को देखा है जो अपनी एक इच्छा रूपी सपने को पूरा होते देखने के लिये सच्चे मन से लगा था और मेरे सामने भी बार बार दोहराता रहता था । हालांकि उसकी वो इच्छा काफी हद तक उसके हाथ में भी नहीं थी। यह कायनात का करिश्मा ही था कि उसकी वो इच्छा पूरी हुई जिसे देखकर मैं उसे झुककर सलाम किये बिना नहीं रह सका। उसी की प्रेरणा से मैं यह लेख लिख पा रहा हूँ  । सच ही कहा गया है, जब आप शिद्दत से कोई सपना देखते हैं तो सारी कायनात उसे पूरा करने में लग जाती है।


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